नास्तिकता (Atheism) : तर्क की ओट में छिपा हुआ ज़ख़्म?
🌑 1. प्रस्तावना – जब निजी दर्द दर्शन बन जाता है “तुम भी सितम करोगे तो हासिल न होगा कुछ,इस दिल के आर-पार तो खंजर हज़ार हैं!” आज का यह पोस्ट ऐसे ही ज़ख्मों के बारे में है जो कई बार दर्शन का रूप ले लेता है | 👤 व्यक्तिगत पीड़ा से उपजी नास्तिकता अक्सर […]
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