Faith का मनोविज्ञान और Atheism का Psychological खेल

✍️भूमिका (Introduction) मानव जीवन का सबसे पुराना और गहन प्रश्न यही रहा है — “जब संसार में इतना दुःख, पीड़ा और अन्याय है तो फिर ईश्वर में विश्वास करने का क्या लाभ?”। नास्तिक इसी तर्क को बार-बार सामने रखकर कहते हैं कि यदि भगवान सचमुच होते, तो मनुष्य के जीवन में इतनी वेदना, रोग और […]

Faith का मनोविज्ञान और Atheism का Psychological खेल Read More »

नास्तिकता (Atheism) : तर्क की ओट में छिपा हुआ ज़ख़्म?

🌑 1. प्रस्तावना – जब निजी दर्द दर्शन बन जाता है “तुम भी सितम करोगे तो हासिल न होगा कुछ,इस दिल के आर-पार तो खंजर हज़ार हैं!” आज का यह पोस्ट ऐसे ही ज़ख्मों के बारे में है जो कई बार दर्शन का रूप ले लेता है | 👤 व्यक्तिगत पीड़ा से उपजी नास्तिकता अक्सर

नास्तिकता (Atheism) : तर्क की ओट में छिपा हुआ ज़ख़्म? Read More »

जो न माने वो बुद्धू? स्वघोषित अचार्य प्रशांत के कल्ट सत्र का भंडाफोड़

🔹 1. भूमिका: जब आध्यात्मिकता के नाम पर होता है माइंड कंट्रोल वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि कई बार “आध्यात्मिक मार्गदर्शन” के पीछे छुपा होता है गहन Psychological Manipulation। इस लेख में हम कुछ विश्वविख्यात मनोवैज्ञानिकों के शोधों के आधार पर एक स्वघोषित आचार्य की कल्ट मानसिकता का खुलासा करेंगे। प्रशांत अद्वैत जैसी फ़र्जी अध्यात्मिक

जो न माने वो बुद्धू? स्वघोषित अचार्य प्रशांत के कल्ट सत्र का भंडाफोड़ Read More »

Pseudo Expertise और स्वघोषित आचार्य प्रशांत: एक केस स्टडी

🔻 1. प्रस्तावना: जब सफ़ेद रंग में भी वफ़ा न बचे “सफ़ेद रंग में अगर वफ़ा होती, तो फिर नमक भी दर्द की दवा होती !” यह शेर जितनी मोहब्बत की दुनिया में गूंजता है, उतनी ही प्रासंगिकता इसकी उस दुनिया में भी है जहाँ सफेद कपड़े, ऊँची कुर्सी, और स्पष्ट आवाज़ के पीछे छुपी

Pseudo Expertise और स्वघोषित आचार्य प्रशांत: एक केस स्टडी Read More »

गाली गुरु और उनका Superstition Gang : श्राद्ध का विज्ञान

📌 भूमिका – एक प्रश्न श्राद्ध सिर्फ एक रस्म है?क्या ये केवल “आस्था” या “डर” का खेल है?या फिर इसके पीछे छिपा है एक गहन मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विज्ञान? जब कुछ तथाकथित “नवबौद्धिक” सोशल मीडिया पर बैठकर हजारों साल पुराने परंपरागत अनुष्ठानों को “superstition” यानी अंधविश्वास कहकर खारिज कर देते हैं — तो असली प्रश्न

गाली गुरु और उनका Superstition Gang : श्राद्ध का विज्ञान Read More »

धिक्कार, गाली और समाधान? आर्य प्रशांत की जल दृष्टि का पोस्टमार्टम

🔰 प्रस्तावना — जब समाधान गाली में बदल जाए कुछ लोग समस्या का हल ढूंढते हैं, कुछ हल की आड़ में गुस्से का प्रवचन देते हैं। YouTube वीडियो “वॉटर क्राइसिस का कारण और समाधान (2024)” में आर्य प्रशांत ने पर्यावरण प्रेम के नाम पर इतना घृणित भाषण दिया, कि हम सोचने को मजबूर हो गए:

धिक्कार, गाली और समाधान? आर्य प्रशांत की जल दृष्टि का पोस्टमार्टम Read More »

Arya Prashant’s Marketing Drama vs My Berkeley Certificate

🔥 प्रस्तावना (Introduction) 📜आज के दौर में जब मार्केटिंग को ज्ञान का चोला पहनाया जा रहा है, सवाल उठाना आवश्यक हो गया है। जब स्वयंभू स्पष्टतावादी भ्रम फैलाने लगे,और विश्वविद्यालयों की गरिमा निजी प्रचार की भेंट चढ़ने लगे —तब प्रश्न उठाना केवल अधिकार नहीं, कर्तव्य बन जाता है। “आर्य प्रशांत” — एक स्वघोषित आचार्य जिन्होंने

Arya Prashant’s Marketing Drama vs My Berkeley Certificate Read More »

Ashoka के नाम पर भ्रम, Buddha के नाम पर ज़हर | Science Journey का एजेंडा?

🔥 प्रस्तावना: “इतिहास या तो स्मृति बनता है, या औजार।” आज कुछ यूट्यूब चैनल्स—विशेष रूप से Science Journey—अशोक और बुद्ध के नाम पर एक नये प्रकार का वैचारिक एजेंडा चला रहे हैं। एक तरफ, ये चैनल हिन्दू प्रतीकों और मान्यताओं का तिरस्कार करते हैं, वहीं दूसरी तरफ selectively वे ही बौद्ध ग्रंथों को संदर्भ में

Ashoka के नाम पर भ्रम, Buddha के नाम पर ज़हर | Science Journey का एजेंडा? Read More »

सब अंधविश्वासी, हम ही महान?: Babaji 2.0 का Ego Trap | Andhvishwas 2.0 – Ep 5

“मिलने की आरज़ू,न बिछड़ने का कुछ मलाल…हमको उस शख़्स से,मोहब्बत अजीब थी।” कभी-कभी हम किसी को इतना मान लेते हैं कि उसका हर शब्द सच लगने लगता है, और अपने ही रिश्ते—माँ, पिता, भाई, जीवनसाथी—झूठ और बंधन जैसे प्रतीत होने लगते हैं। इस एपिसोड में हम उस “Ego Trap” को उजागर करते हैं जो “Clarity”

सब अंधविश्वासी, हम ही महान?: Babaji 2.0 का Ego Trap | Andhvishwas 2.0 – Ep 5 Read More »

किनारा कर के रिश्तों से… Babaji 2.0 के जाल में | Andhvishwas 2.0 – Ep 4

❝तेरी पल भर की दिल लगी, मोहसिन…किसी को बर्बाद कर गई होगी…❞ प्रस्तावना: आज का भाग अंधविश्वास 2.0 शृंखला का सबसे भावनात्मक और सबसे गंभीर एपिसोड है। यह एपिसोड उन अदृश्य मानसिक प्रहारों को उजागर करता है, जो ‘क्लैरिटी’ के नाम पर लोगों को उनके अपनों से दूर कर रहे हैं — खासकर उनके माता-पिता

किनारा कर के रिश्तों से… Babaji 2.0 के जाल में | Andhvishwas 2.0 – Ep 4 Read More »

बिना प्रमाण के Clarity : आधुनिक अंधश्रद्धा | Andhvishwas 2.0 – Ep 3

“तेरे लहजे में क्या नहीं था मगर…सिर्फ़ सच की ज़रा कमी निकली।” इसी पंक्ति से शुरू होता है Andhvishwas 2.0 का तीसरा भाग — जहाँ तथाकथित “क्लैरिटी” की आड़ में हो रहे मानसिक शोषण को शोध के आईने में देखा जाता है। यह वीडियो किसी पर सीधा आरोप नहीं लगाता। बल्कि एक-एक “संयोग” को दर्शाता

बिना प्रमाण के Clarity : आधुनिक अंधश्रद्धा | Andhvishwas 2.0 – Ep 3 Read More »

बोध के नाम पर Game: Thinking Hijacked? | Andhvishwas 2.0 – Ep 2

प्रस्तावना: क्या ‘बोध’ भी एक भ्रम बन सकता है? क्या हो अगर कोई आपके दुख को ही आपकी योग्यता बता दे? क्या हो अगर आपके सवाल पूछने की क्षमता को ही “conditioning” कहकर खारिज कर दिया जाए?हम ऐसे ही एक विषय पर बात कर रहे हैं — बोध के नाम पर मानसिक नियंत्रण। इस विषय

बोध के नाम पर Game: Thinking Hijacked? | Andhvishwas 2.0 – Ep 2 Read More »

Andhvishwas 2.0 – एपिसोड 1 : स्पष्टता या नियंत्रण ?

एक मनोवैज्ञानिक जाँच 🧭 आज के युग में भ्रम घंटी और अगरबत्ती से नहीं आता —वो आता है स्पष्टता, तर्क और वैज्ञानिक आत्मविश्वास की भाषा में। बहुत बार हमें लगता है कि कोई हमें आज़ाद कर रहा है,जबकि वो चुपचाप हमारे सोचने का तरीका बदल रहा होता है। इस लेख में हम प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक Margaret

Andhvishwas 2.0 – एपिसोड 1 : स्पष्टता या नियंत्रण ? Read More »

IISc Bangalore – यह विज्ञान संस्थान है या गपोड़ी लाल अविद्या पीठ?

जब IISc जैसे संस्थान भी भ्रम बेचने लगें… कभी भारत की वैज्ञानिक प्रतिष्ठा के प्रतीक माने जाने वाले संस्थान — IISc Bangalore — आज एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहाँ उन्हें पुनः परिभाषित करने की ज़रूरत है। क्या आप सोच सकते हैं कि एक ऐसा संस्थान, जो विज्ञान और अनुसंधान की कसौटी पर खरा

IISc Bangalore – यह विज्ञान संस्थान है या गपोड़ी लाल अविद्या पीठ? Read More »

गाली गुरु दुबई में? आर्य प्रशांत के अधकचरे गाली विज्ञान का दुष्प्रभाव

सलीका सादगी सब आज़मा के यह समझ आया,बहुत नुकसान होता है अदब से पेश आने पर। दुनिया तरक्की कर रही है—दुबई में गगनचुंबी इमारतें बन रही हैं, लोग AI और न्यूरोसाइंस में रिसर्च कर रहे हैं, और उधर दुबई का सलीका, सादगी और सभ्यता से मन उठ गया है जो एक स्वघोषित आचार्य को बुला

गाली गुरु दुबई में? आर्य प्रशांत के अधकचरे गाली विज्ञान का दुष्प्रभाव Read More »