सब अंधविश्वासी, हम ही महान?: Babaji 2.0 का Ego Trap | Andhvishwas 2.0 – Ep 5
“मिलने की आरज़ू,न बिछड़ने का कुछ मलाल…हमको उस शख़्स से,मोहब्बत अजीब थी।” कभी-कभी हम किसी को इतना मान लेते हैं कि उसका हर शब्द सच लगने लगता है, और अपने ही रिश्ते—माँ, पिता, भाई, जीवनसाथी—झूठ और बंधन जैसे प्रतीत होने लगते हैं। इस एपिसोड में हम उस “Ego Trap” को उजागर करते हैं जो “Clarity” […]
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